बाइबल की आयतें जो पुरुषों, उनकी भूमिकाओं, चरित्र और जिम्मेदारियों के बारे में बताती हैं
1. उत्पत्ति 1:27 – “तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की।” 2. उत्पत्ति 2:24 – “इस कारण पुरुष अपने माता–पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा, और वे एक ही तन बने रहेंगे।” 3. भजन संहिता 1:1 – “क्या ही धन्य है वह पुरुष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता है!” 4. नीतिवचन 27:17 – “जैसे लोहा लोहे को चमका देता है, वैसे ही मनुष्य का मुख अपने मित्र की संगति से चमकदार हो जाता है।” 5. 1 कुरिन्थियों 16:13 – “जागते रहो, विश्वास में स्थिर रहो, पुरुषार्थ करो, बलवन्त होओ।” 6. 1 तीमुथियुस 2:8 – “इसलिये मैं चाहता हूँ कि हर जगह पुरुष, बिना क्रोध और विवाद के पवित्र हाथों को उठाकर प्रार्थना किया करें।” 7. इफिसियों 5:25 – “हे पतियो, अपनी अपनी पत्नी से प्रेम रखो जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम करके अपने आप को उसके लिये दे दिया” 8. 1 पतरस 3:7 – “वैसे ही हे पतियो, तुम भी बुद्धिमानी से पत्नियों के साथ … Read more